Weather
It has been a dry sort of week with less rains and more sunshine. Interspersed with clouds, the day temperature have been between 26°C to 31°C. Clouds have played truant in the evenings specially. At times they threatened to rain and then suddenly vanish, while at other they have hung on the horizon raising hopes to come into the city but as an unwanted visitor the wind had chased them away! Humidity remains around 88%, which makes classrooms a little sweaty if it doesn’t turn windy.
Monday, 28th July: March past and PT display practices commenced for Independence Day celebrations. One set of students are practicing as a contingent to represent the school at Bali level at Government Higher Secondary School. While one set of girls are practicing dance to participate in the same parade. We look forward to winning the award for best march past and best dance.
Saturday, 2nd August: Dr. Seema Sharma a clinical psychologist and a recourse person for teachers’ training at Doon School; a very experienced person who deals with juveniles, small head injury patients and has been counseling students for past many years, spent 5 hours with the staff to train them. She enumerated the workings of brain from childhood to adulthood. She displayed each part of brain development on the board and how each compartment reflects emotions, logic, reasoning and images. She described problems related with school children and how they can be overcome by teachers.
Skills
Wednesday, 30th July: Assembly was shifted from the Block I to the playground in order to utilize time for march past practices. Students attended the Assembly house-wise so that it was easy to fall into their march past positions.
Saturday, 2nd August: Dr. Seema Sharma a clinical psychologist and a recourse person for teachers’ training at Doon School; a very experienced person who deals with juveniles, small head injury patients and has been counseling students for past many years, spent 5 hours with the staff to train them. She enumerated the workings of brain from childhood to adulthood. She displayed each part of brain development on the board and how each compartment reflects emotions, logic, reasoning and images. She described problems related with school children and how they can be overcome by teachers.
भारत में शिक्षा
हमारे जीवन में शिक्षा बहुत महत्व रखती है। अगर हम शिक्षा से वंचित रह जाते है तो हमें अपने भविष्य की डोर दूसरो के हाथों में रखनी पड़ती हैं। मगर वर्तमान में शिक्षा ग्रहण करवानेवाले ही कुछ व्यक्ति उसकी अनदेखी करते जा रहे है क्या यह अनदेखी उनकी है या किसी और की ?
पिछले जमाने में जो विश्वगुरु कहलाता था इसका एक कारण शिक्षा भी थी जिस भारत में नालंदा तक्षशिला जैसी विश्वविख्यात, विश्वप्रसिद्ध महाविश्वविद्यालय थे जहाँ विश्वभर के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण के लिए आते थे, जहाँ मेहनती तथा विद्वान आचार्यो आचार्यो द्वारा शिक्षा दी जाती थी उसी देश के विद्यार्थी उच्च शिक्षा लिए विदेशो में पढ़ने जा रहे है आज उसी देश के विश्वविद्यालय विश्व में अपनी प्रतिष्ठा कायम रखने में असफल हो रहे है इन व्यर्थ विचारो के बीच में आज हमारे देश में लड़का तथा लड़कियों के बीच बिना भेदभाव की शिक्षा दी जाती हैं आज की बालिका भी शिक्षा मैं अपना प्रभुत्व जमा रही हैं पहले बालिकाओं को शिक्षा ग्रहण करने पर प्रतिबन्ध था पर आज हम कुछ बेहद अच्छा कर रहे हैं उन्हें पढ़ा कर, उन्हें उनके खुद के पैरों पर खड़ा कर के मगर कुछ अन्य व्यक्ति उस वर्षों पहले चलती परंपरा को बढ़ावा देते हुए आज के इस आधुनिक ज़माने में भी बालिकाओं को शिक्षा से वंचित रख रहे हैं, यह पूरी गलत है उन्हें भी शिक्षा की उतनी ही आवश्यकता है जितनी बालकों को है।
इसलिए अब भारत एक ऐसी शिक्षा पद्धति चाहता है जिसमे हमारे होनहारों को भी विदेश जाने की ज़रुरत न पड़े और वह हमारे देश में रहकर ही अपना और अपने देश का नाम रौशन करे बालिकाओं को भी आज की दुनिया में अपने कदम बढ़ाने का मौका मिले।
हमारे जीवन में शिक्षा बहुत महत्व रखती है। अगर हम शिक्षा से वंचित रह जाते है तो हमें अपने भविष्य की डोर दूसरो के हाथों में रखनी पड़ती हैं। मगर वर्तमान में शिक्षा ग्रहण करवानेवाले ही कुछ व्यक्ति उसकी अनदेखी करते जा रहे है क्या यह अनदेखी उनकी है या किसी और की ?
पिछले जमाने में जो विश्वगुरु कहलाता था इसका एक कारण शिक्षा भी थी जिस भारत में नालंदा तक्षशिला जैसी विश्वविख्यात, विश्वप्रसिद्ध महाविश्वविद्यालय थे जहाँ विश्वभर के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण के लिए आते थे, जहाँ मेहनती तथा विद्वान आचार्यो आचार्यो द्वारा शिक्षा दी जाती थी उसी देश के विद्यार्थी उच्च शिक्षा लिए विदेशो में पढ़ने जा रहे है आज उसी देश के विश्वविद्यालय विश्व में अपनी प्रतिष्ठा कायम रखने में असफल हो रहे है इन व्यर्थ विचारो के बीच में आज हमारे देश में लड़का तथा लड़कियों के बीच बिना भेदभाव की शिक्षा दी जाती हैं आज की बालिका भी शिक्षा मैं अपना प्रभुत्व जमा रही हैं पहले बालिकाओं को शिक्षा ग्रहण करने पर प्रतिबन्ध था पर आज हम कुछ बेहद अच्छा कर रहे हैं उन्हें पढ़ा कर, उन्हें उनके खुद के पैरों पर खड़ा कर के मगर कुछ अन्य व्यक्ति उस वर्षों पहले चलती परंपरा को बढ़ावा देते हुए आज के इस आधुनिक ज़माने में भी बालिकाओं को शिक्षा से वंचित रख रहे हैं, यह पूरी गलत है उन्हें भी शिक्षा की उतनी ही आवश्यकता है जितनी बालकों को है।
इसलिए अब भारत एक ऐसी शिक्षा पद्धति चाहता है जिसमे हमारे होनहारों को भी विदेश जाने की ज़रुरत न पड़े और वह हमारे देश में रहकर ही अपना और अपने देश का नाम रौशन करे बालिकाओं को भी आज की दुनिया में अपने कदम बढ़ाने का मौका मिले।
- Jaswant Singh (Class IX-B)
Studies
Tuesday, 29th July: A holiday was observed on the account of Eid-ul-fitr.
Thursday, 31st July: School was forced to remain shut as the Private Schools Association was protesting against the proclamation sent out that they will fall under state heads (Rajasthan) for any rules.
Saturday, 2nd August: Since the school missed two days of study on Tuesday and Thursday, Saturday was observed as regular school. Thursday Time Table was followed and Saturday activities were put on hold.
Students are a happy lot as teachers are making their own PPTs to aid learning in class rooms. This has brought a lot of excitement among students because this is a new way to learn for them.
Thursday, 31st July: School was forced to remain shut as the Private Schools Association was protesting against the proclamation sent out that they will fall under state heads (Rajasthan) for any rules.
Saturday, 2nd August: Since the school missed two days of study on Tuesday and Thursday, Saturday was observed as regular school. Thursday Time Table was followed and Saturday activities were put on hold.
Students are a happy lot as teachers are making their own PPTs to aid learning in class rooms. This has brought a lot of excitement among students because this is a new way to learn for them.
Compiled by Bharti Rao for The Fabindia School.