STARS THIS WEEK
STUDENT: Daksh Rajpurohit/ VI was the Student this Week. He shared his views on 'Importance of Smart Work’. He shared that if we organize our work smartly then we can achieve fabulous results. Hard work is surely key to success but smart work is the smart key to be successful. He shared that smart work helps a person to complete a task efficiently – more work in less hours with less resources and reduced efforts.
Hard Work also, helps a person to complete a task successfully, but time consumption will be more and there is no assurance if the task can be completed with less resources. The person who does hard work has to put a lot of efforts to complete a task.
In short, with hard work we can complete a task successfully; but in order to gain fame among people and get recognition smart work matters a lot.
Last but not the least I would like to say that if you work hard you will achieve good rewards. If you work smartly you will achieve better rewards. If you work hard and smartly then you will achieve extraordinary rewards.
EDUCATOR: Ms. Deepika Rajpurohit was the Educator this Week. She shared her views
on 'Importance of Education.' She shared the value of knowledge over material wealth.
कोशिशों के बावजूद हो जाती है कभी हार,
on 'Importance of Education.' She shared the value of knowledge over material wealth.
कोशिशों के बावजूद हो जाती है कभी हार,
होकर निराश मत बैठना मन को अपने मार।
बढ़ते रहना आगे सदा हो जैसा भी मौसम,
पा लेती हैं मंज़िल चींटियां गिर-गिर कर हर बार।।
आधुनिक विश्व के प्रपञ्च को सम्यक्तया समझने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण तत्त्व है- 'शिक्षा', उस पर अपने विचार प्रस्तुत करूँगी। एक सामान्य जिंदगी जीने के लिए इंसान को रोटी, कपड़ा और मकान के अलावा किसी चीज़ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वो है- शिक्षा। संस्कृत के एक श्लोक से समझाना चाहूँगी- विद्या नाम नरस्य रूपमधिकं प्रच्छन्नगुप्तं धनं,
विद्या भोगकरी यश:सुखकरी विद्या गुरुणाम गुरु:।
विद्या बंधुजनो विदेशगमने विद्या परा देवता,
विद्या राजसु पूज्यते न तु धनं विद्याविहीन: पशु:।।
विद्या इंसान का विशिष्ट रूप है, गुप्त धन है। विद्या भोग देने वाली, यशदात्री और सुखकारक है। विद्या या शिक्षा गुरुओं की गुरु है। विदेश जाने पर विद्या बंधु है। विद्या वह धन है, जिसे राजाओं द्वारा पूजा जाता है। जिसके पास विद्यारूपी धन नहीं है, वह पशु के समान है।
विद्या ऐसा धन है जिसे चोर चुरा नहीं सकता। यदि हमारे पास ज्यादा आभूषण हो तो हमें हर वक्त यह डर सताता है कि कहीं हमारे कीमती आभूषण चोरी न हो जाए और बहुत बार इस डर की वजह से उन आभूषणों को पहनने के बजाए तिजोरी में सजाए रखते हैं। लेकिन विद्या बिना रत्नजड़ित एक ऐसा आभूषण है जो आपके व्यक्तित्व को यश, कीर्ति व सम्मान दिलाता है। और सबसे महत्वपूर्ण विद्यारूपी धन को हम जितना खर्च करेंगे, उतना ही वह बढ़ता जाएगा।
विद्या वो इन्वेस्टमेंट है जिसका मुनाफा जीवन के अंत तक मिलता रहता है, तो उसी में इन्वेस्ट करिए। एक राजा अपनी शक्ति के बल पर केवल वहीं तक जाना जाता है, जहाँ तक उसका साम्राज्य फैला होता है। वो केवल अपनी प्रजा का प्रिय होता है। पर, अपने ज्ञान की कीर्ति फैलाने वाले अल्बर्ट आइंस्टाइन, विलियम शेक्सपियर, रवींद्रनाथ टैगोर, कालिदास आदि सिर्फ अपनी जन्मभूमि में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पूजे जाते हैं और सम्पूर्ण मानव जाति के लिए वो प्रेरणास्रोत हैं। इसलिए 'पढ़ते रहिए, आगे बढ़ते रहिए'।
बिना इस बात की चिंता किए पढ़ें कि आखिरी परिणाम क्या होगा? साल के अंत में जब हम परीक्षा देने बैठेंगे तो याद रहेगा या नहीं, अच्छे अंक आएंगे या नहीं! इस बात की चिंता किए बिना अगर हम पढ़ेंगे तो बेशक, सफलता प्राप्त करेंगे।
विद्यार्थियों! आपके ये शिक्षा के सुनहरे दिन आपको कुछ समय के लिए गंभीर जरूर रख सकते हैं, लेकिन उसका फल आपको आगे आने वाले दिनों में उम्मीद से शत-प्रतिशत ज्यादा मिलेगा।मेरा ऐसा मानना है कि रुपए किसी को ताकतवर नहीं बनाते और बनाते भी है तो कुछ समय के लिए। दौलत आज होगी, कल नहीं होगी। शस्त्र का ज्ञान रुक सकता है लेकिन शास्त्र का ज्ञान कभी नहीं रुकता। शास्त्र का ज्ञान, शस्त्र से ज्यादा असरदार, प्रभावशाली और शक्तिशाली होता है। सीखते रहिए, क्योंकि ज्ञान का धनी व्यक्ति हमेशा ही सम्मान और आदरयोग्य होता है। ज्ञान वो कवच है, वो शील है जो आपके जीवन में आने वाली कठिनाइयों से आपकी रक्षा करेगा, फिर किसी भी शस्त्र की आपको आवश्यकता नहीं रहेगी।
हमारे पुस्तकालय में एक पुस्तक है- 'मैं हूं मलाला', मलाला यूसुफजई, जिसे 2013 में नोबेल पुरस्कार मिला था। वह नोबेल पुरस्कार उन्हें इसलिए दिया गया क्योंकि मलाला ने शिक्षा प्राप्त करने के लिए लड़ाई लड़ी थी। मलाला की लड़ाई दुनिया के बहुत बड़े आतंकवादी संगठन तालिबान से थी। मलाला को विद्यालय जाने के लिए इतनी बड़ी लड़ाई लड़नी पड़ी। एक बार तालिबानी संगठन के एक व्यक्ति ने स्कूल से आती मलाला पर तीन गोलियां चलाई। मलाला आई सी यू में कितने ही दिनों तक भर्ती रही। फिर भी मलाला यह सोच रही थी कि "यदि मैं भी तालिबान पर वार करती, तो मैं भी उसी की तरह बन जाती, फिर उसमें और मुझमें क्या फर्क रह जाता। यह परफेक्ट उदाहरण है 'तालीम के साथ तहजीब के होने का'। हमारे पास शिक्षा तो है, लेकिन संस्कार कहीं खो गए हैं।
अकेली मलाला ने इतने बड़े आतंकवादी संगठन को हरा दिया और फिरसे शिक्षा प्राप्त करने लगी। लेकिन हमें इस तरह की समस्या का सामना करना नहीं पड़ता, हमारे पास सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बस, हमें पढ़ते रहना है, गिव अप शब्द को तो अपने शब्दकोश से निकालकर फेंक ही दो। न पढ़ने के हम जितने बहाने ढूंढ़ते हैं, पढ़ने का एक बहाना ढूंढ़ ले तो हमारी जिंदगी संवर जाएगी। जब हम सफलता प्राप्त करने की ठान लें और मेहनत करे तो हमें कोई नहीं रोक सकता, सिवाए खुद के। हम स्वयं ही अपने-आप के दुश्मन बन जाते हैं। ऐसा न करें, पढ़ते रहें, सीखते रहें, जिज्ञासु बनें।
हमारी जन्मभूमि- भारत, वह है जिसे 'विश्वगुरु' की उपाधि प्राप्त थी। हमारे ऋषि-मुनि - चाणक्य, आर्यभट्ट, चरक, सुश्रुत आदि। जिनके द्वारा बताए गए ज्ञान को पूरा विश्व अपना रहा है। हमारी खोजें, हमारे अनुसंधान, हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार, हमारी सभ्यता, हमारे महान स्वतंत्रता सेसानी, हमारे सैनिक, हमारे शहीद... जितने उदाहरण दें, कम हैं। हमारे खून में जन्म से ही स्मार्टनेस, इंटेलिजेंस भरी पड़ी है। हम उसे पहचानें, आत्मविश्वास रखें और पढ़ते रहें। वह दिन दूर नहीं, जब आप, मैं, हम-सब कोहिनूर बनकर चमकेंगें और हमारे विद्यालय, हमारे देश का नाम रोशन करेंगे। क्योंकि-
जिसे खुद पर विश्वास हो, वो यही कहता है।
मेहनत कर, किस्मत का लिखा बदलता है।।
Tuesday, 11th February: On the occasion of "Safe Internet Day" a Special Assembly was organised. Mr. Jitendra Suthar shared ways to be safe while using Internet. He talked about cyber crime and how we can prevent our social media accounts. It was a knowledgeable day and we learnt many new things which could help us in our future.
Students of Class VI-X had participated in SOF Science Olympiad. Omprakash Mobarsa/ VI received a gold medal, other participants received certificate of participation.
Friday, 14th February: "Balwant Singh Rajpurohit Cricket Championship" was organised on Friday, 14 February in memory of our student, Balwant Singh. In addition to the host team, Oxford School, Rani and Sanskar School, Koselav participated in this competition. Third place was bagged by Oxford School, Rani. The second place was held by Sanskar School, Koselav and first place was received by Team A of The Fabindia School. Chief Guest Mr. Lakhma Ramji, Chairman, Municipal, Bali and Distinguished Guest Mr. Sulamain Tak, Chairman, SMC distributed the prizes and addressed the players to make the game a part of life, all round development is possible by playing games. Principal Rajeshree Shihag announced that this Cricket Championship will be held every year.
Volume No. 412 Published by The Editorial Board: Mrs Bharti Rao, Mr Krishan Gopal, Ms Swabhi Parmar,
Volume No. 412 Published by The Editorial Board: Mrs Bharti Rao, Mr Krishan Gopal, Ms Swabhi Parmar,
Chief Editor: Diksha Choudhary, Secretary: Uma Choudhary, Joint Secretary: Mansi Choudhary, Editors: Anumesh Rao, Krisha Dave, Puran Choudhary, Jatin Tripash, Diksha Choudhary, Tammana Solanki, Uma Choudhary, Priyanka Deora, Krithika Rajpurohit, & Kunal Rajpurohit.