The School Weekly 30th November 2020

 Virtual School Functioning
Academics
Website Designing using Google Sites session was conducted on 26th, November’20 for the Senior section.
Soumyajeet Solanki from Class VI is now leading All time leader board in Slooh with 33345 Gravity Points and 32 Badges. 
3 more students Bhupendra Singh, Aryanwardhan Singh and Hitesh are in Top 10 list of All time leader board of Slooh.
4 Students have registered  in Enpower School “Entrepreneurs Hunt” as 2 Teams.
120 Students are nominated by school for the KidEx All round Championship Competition.
Professional Development
Educators had their fourth session of PLP Cycle # World Ready on Anupam Sibal's book 'Is Your Child Ready To FaceThe World' Ch- 4 Courage on Saturday, 28th November 2020 from 10.00- 11.30 AM by Ms. Monisha Dutta, Director Learning Forward.
Edthena: Educators are uploading their individual videos of Ch. 3 ‘It’s Never too late’ on Edthena.
Posts from our Educators
Hope: Essence of Life 
Hope is the essence of life. Several folks couldn't even live a life of peace while not having hope deep within the centre. Life is unpredictable, exhausting and quite disreputable from time to time. Things withdraw of hand and on the far side of our management persistently. Hope helps our country keep the fight on and improves the possibilities of creating our life higher. Hope – the essence of life keeps our eyes wide open for associate degree improved future. 
I do know it’s terribly exhausting maintaining with the inner religion throughout the foremost important times, but, those that ne'er leave hope, truly create it until the top. No doubt, life may be a solid combat zone. However, it’s not regrettable either. Attempt to keep your eyes filled with dreams. Hope not solely offers you the strength to beat pain. However, it conjointly makes the journey for the longer-term easier. Let’s not worry regarding the actual fact that nowadays it is dangerous. Hope keeps us telling that tomorrow are higher than this. 
Hope is optimism. Once I’m anticipating something, I think that sorrow and issue of nowadays can shortly finish. Hope keeps us stay positive. As you recognize, our mind has legion effects on our actions. If your mind tells you to remain sturdy on a path and to not lose courageousness, you'll do, therefore. So, hope offers a positive mind power. It generates associate degree aura around you which of them protects you from the negatives. This is often why; hope can perpetually be the essence of life. As currently, you perceive, the essence of hope is usually terribly sweet. 
It’s a plan to measure life the simplest means we will. Therefore create your hope sturdy. Hope can provide you with the courageousness and inspiration to stay to your dream as long as you breathe. If you have got a robust aspiration, hope and religion, nothing will bring you down. It allows you to aim at the only real purpose of your life.
Jitendra Suthar

जब जागो तभी सवेरा 
सामान्य तौर पर ऐसा कहा जाता है कि समय का पाबंद बनो। समय के महत्व को समझो और निर्धारित समय सीमा में अपने काम को समाप्त करो। यह भी उचित है कि समय पर काम करने वाले को प्रतिष्ठा और पुरस्कार मिलता है। इसके विपरीत देर-सवेर काम पूरा करने वाले व्यक्ति को सम्मान नहीं मिल पाता। इसलिए समय का पाबंद होना बहुत जरूरी है। समय के महत्व को कोई नहीं नकार सकता और यह उचित भी है। 
समय की पाबंदी से हटकर आज कुछ अलग बात करेंगे। जब जागो तभी सवेरा, अर्थात समय रहते सचेत हो जाओ, जब भी सचेत हो जाओगे वहीं से एक नई शुरुआत करो। यदि हम समय का सदुपयोग न करते हुए किसी काम को करें और उसका वांछित परिणाम नहीं मिले तो समय की महत्ता को समझते हुए हमें समय पर काम करना सीख लेना चाहिए।
मान लीजिए कोई व्यक्ति कुछ बुरी आदतों से ग्रसित है और वह अपने दायित्वों को ठीक से नहीं निभा रहा है। परंतु एक समय ऐसा आया कि उसे ठोकर लगी और उसने सब कुछ भुला दिया, अपनी बुरी आदतों को दरकिनार कर दायित्वों के निर्वहन के लिए प्रतिबद्ध हो गया। यही अवसर नए सवेरे के रूप में देखा जा सकता है। जहाँ उस व्यक्ति से किसी बात की अपेक्षा नहीं की जाती थी वही व्यक्ति एक बार पुनः अपने कर्तव्यों के निर्वहन हेतु तैयार हो जाता है तो इससे सुखद और क्या हो सकता है। 
इसके अतिरिक्त यदि अपने किसी कार्य से अपनी प्रतिष्ठा का हास स्वयं ही कर डाला हो तो उस काम को सुधारा जा सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि ग़लतियाँ  इंसान ही करता है किंतु आगे उन गलतियों को दोहराया न जाए ऐसी अपेक्षा भी इंसान से ही की जाती है। वर्तमान समय में यह बातें सभी को जाननी  परम आवश्यक है क्योंकि हमारे आसपास ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं, जो पुनः जागने का प्रयास कर रहे हैं।  ऐसे लोगों को सहयोग की आवश्यकता होती है यदि उन्हें उनकी की हुई गलतियों का ही एहसास कराया जाएगा तो शायद वे कभी जागेंगे ही नहीं। 
दुख है न चाँद  खिला शरद-रात आने पर,
क्या हुआ जो खिला फूल रस-बसंत जाने पर ?
जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण। 
इन पंक्तियों द्वारा कवि गिरिजाकुमार माथुर आगाह कर रहे हैं कि समय पर प्राप्त परिणामों का आनंद अलग ही होता है किंतु कुछ देर बाद भी परिणाम प्राप्त होता है तो दुख करने का विषय नहीं है। कुछ प्राप्त होना चाहिए था किंतु हमारी गलतियों के कारण वह हमें नहीं मिला, इसका पश्चाताप करने के बजाय आगेऐसी गलतियाँ न हो इसका निश्चय करके भविष्य वरण करना चाहिए। 
प्रत्येक क्षण अपने साथ एक नया अवसर लेकर आता है इन अवसरों को पकड़ कर सफलता के लिए प्रयास करने चाहिए। कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि अब बहुत देर हो चुकी हैं। जब चाहे तब हम अपने जीवन को मनचाही दिशा में मोड़ सकते हैं। तभी यह कहावत भी चरितार्थ होगी कि जब जागो तभी सवेरा।  
Krishan Gopal 

Better late than never
Every person's nature and behaviour is not the same. Every human being also has different qualities. There were many scientists, many of whom were suffering from dyslexia, that means that even though they were really intelligent, but they could not express their intelligence. This does not mean that they did not express. They fought against it and overcame their problem.  
If you do not succeed in life, if you fail the exam once, then you should not give up; instead, you should try again.  Next time you can get better success than before. Accept defeat, and you should work hard again without giving up, you should not change your goal by looking at the problems, but you should change your ways of working hard by finding the reasons for which you are failing, which can lead to easy success.
Always try hard like the spider who at last succeeded in weaving his web. The tortoise took up the challenge against the hare and slowly and steadily won the race. So, don't give up, it is better to be late than never.
Kusum Dangi
समय का सदुपयोग 
समय चक्र की गति बड़ी अदभुद है। समय का चक्र निरंतर गतिशील रहता है रुकना इसका धर्म नहीं है। विश्व में समय सबसे अधिक महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान धन माना गया है। यदि मनुष्य की अन्य धन सम्पति नष्ट हो जाए तो संभव है वह परिश्रम, प्रयत्न एवं संघर्ष से पुनः प्राप्त कर सकता है किन्तु बीता हुआ समय वापस नहीं आता। इसी कारण समय को सर्वाधिक मूल्यवान धन मानकर उसका सदुपयोग करने की बात कही जाती है।

समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य निहित है जो व्यक्ति समय का चक्र पहचान कर उचित ढंग से कार्य करें तो उसकी उन्नति में चार चाँद लग सकता हैं। कहते हैं हर आदमी के जीवन में एक क्षण या समय अवश्यक आया करता है कि व्यक्ति उसे पहचान – परख कर उस समय कार्य आरम्भ करें तो कोई कारण नहीं कि उसे सफलता न मिल पाए। समय का सदुपयोग करने का अधिकार सभी को समान रूप से मिला है। किसी का इस पर एकाधिकार नहीं है। संसार में जितने महापुरुष हुए हैं वे सभी समय के सदुपयोग करने के कारण ही उस मुकाम पर पहुंच सके है। काम को समय पर संपन्न करना ही सफलता का रहस्य है।

एक – एक सांस लेने का अर्थ है समय की एक अंश कम हो जाना जीवन का कुछ छोटा होना और मृत्यु की और एक – एक कदम बढ़ाते जाना। पता नहीं कब समय समाप्त हो जाये और मृत्यु आकर साँसों का अमूल्य खजाना समेत ले जाये। इसलिए महापुरुषों ने इस तथ्य को अच्छी तरह समझकर एक सांस या एक पल को न गवाने की बात कही है। संत कबीर का यह दोहा समय के सदुपयोग का महत्व प्रतिपादित करने वाला है।

"काल्ह करे सो आज कर, आज करे सो अब। पल मैं परले होयेगी, बहुरि करोगे कब"I
उस्मान गनी

कहानियों की जीवन में भूमिका
कुछ लोगों के पास नई चीजों को सीखने और नए विचारों का पता लगाने का हुनर होता है। जबकि कुछ अन्य अपने आसपास के सफल व्यक्तियों को देखते हुए सीखने के लिए स्व -प्रेरित होते हैं। हालांकि, यह सभी लोगों के लिए संभव नहीं है और उनमें से कई को अत्यधिक परिश्रम करने के साथ -साथ अपने गुरूओं और माता-पिता से  प्रेरणा लेनी  पड़ती है। इनमें से बहुत लोग ऐंसे भी हैं जो कहानियों से सीखते हैं। क्योंकि कहानियां संस्कृति को संरक्षित करती हैं और सांस्कृतिक ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाती हैं। संक्षेप में, कहानियां संस्कृतियों को जीवित रखती हैं।
कहानियों के माध्यम से, हम जुनून, भय, उदासी, कठिनाइयों और खुशियों को साझा करते हैं। कहानियां पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती हैं। कहानियों के माध्यम से हम समृद्ध भावनाओं और खुशी, दुःख, कठिनाइयों और असफलताओं की भावनाओं का अनुभव करते हैं। हम व्यवहार और परिणामों के बारे में सीखते हैं।कहानियां हमें आपसी मतभेदों के बावजूद दूसरों के साथ जुड़ना सीखाती हैं क्योंकि हम समझते हैं कि वे कौन हैं और हम इस दुनिया में कहां खड़े हैं।
कुछ कहानियां रोचक होती हैं तो कुछ मनोरंजक और  सीख  देने वाली होती हैं। सभी कहानियां हमेशा से ही लोगों  की पसंद रही हैं। सदियों से, कहानियों को ज्ञान के रूप में  इस्तेमाल किया जाता रहा  है। कहानियां सीखने को प्रभावी बनाती हैं, और इसीलिए बच्चे कहानी के साथ बहुत अच्छे से जुड़ते हैं। यही एक कारण है कि शिक्षक-गण  इसे बच्चों को कई क्षेत्रों में प्रेरित करने के लिए एक उपकरण के रूप में अपने आस-पास और कक्षा में उपयोग करते हैं।जो छात्रों को कड़ी मेहनत करने और सफल जीवन के लिए अपनी नींव रखने में मदद करती हैं।
सुरेश सिंह नेगी

Volume No. 448  Published by The Editorial Board: Mrs Bharti Rao, Mr Krishan Gopal, Ms Swabhi Parmar,
Chief Editor: Diksha Choudhary, Secretary: Uma Choudhary, Joint Secretary: Mansi Choudhary, Editors: Anumesh Rao, Krisha Dave, Puran Choudhary, Jatin Tripash, Diksha Choudhary, Tammana Solanki, Uma Choudhary, Priyanka Deora, Krithika Rajpurohit, & Kunal Rajpurohit.

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