News & Events
Introducing our Council Members 2022-2023
Monday, 25th July 2022: The School celebrated Digital Awareness Week starting from 25th July,2022. It is very important for each person to be digitally aware about technologies they are surrounded with. Our Students shared the importance of Digital Awareness in the School Assembly. Topics such as Digital Awareness in Education, Social Media, Banking, Digital Citizenship & Cyber Security were shared.
Tuesday, 26th July 2022 : साप्ताहिक गतिविधि में इस सप्ताह हमारे विद्यालय में " डिजिटल जागरूकतसप्ताह " के रूप में प्रातःसभा में छात्र छात्राओं ने प्रतिदिन शिक्षा, बैंकिंग और ऑनलाइन भुगतान, सोशल मिडिया, साइबर सुरक्षा, स्टैम् एज्युकेशन का महत्व और डिजिटल नागरिकता आदि विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर आवश्यक सेवाओं और जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण तथ्यों और जानकारियों से अवगत करवाया ।
दिनांक 26 जुलाई 2022 को विज्ञान के शिक्षक ने प्रातः सभा में " मैग्रुव इको- सिस्टम के संरक्षण " के अंतरराष्ट्रीय दिवस पर विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत करवाया ।
आजादी के अमृत महोत्सव-नुक्कड़ नाटक
Thursday, 28th July 2022 : आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 28 जुलाई 2022 को विद्युत विभाग द्वारा एस.पी.यू. कॉलेज, फालना में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में फैबइंडिया स्कूल के छात्रों को एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। स्कूल के छात्रों की टीम ने एस. पी. यू. कॉलेज, फालना में आयोजित इस कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति दी। कक्षा दसवीं के दस छात्र - छात्राओं ने डिजिटल युग में बिजली के नए कनेक्शन लेने, बिजली के बिल ऑनलाइन जमा करवाने और ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाने के बारे में नाटक के माध्यम से लोगों को जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुमेरपुर विधायक जोराराम जी ने छात्रों के इस प्रयास की सराहना की और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
Intra-Class Debate
Friday, 29th July 2022 : To promote problem-solving and innovative thinking and help students to build links between words and ideas that make concepts more meaningful, Intra-Class Debate was organised for the students of Class IX to XII.The Students of Class XI & XII were asked to debate on the topic :"Should you allow open book tests?" To evolve and improve rigorous higher order and critical thinking, Class IX & X students were asked to present their thoughts on the topic: ‘Should traditions be followed?’ This activity was to enable children to overcome public speaking fears, help them to learn voice modulation, and reasoning, bend them towards good tradition and make them aware of the recent topics related to education.
Tattoo Making Competition
Saturday, 30th July 2022 : दिनांक 30 जुलाई 2022 को मिडिल सेक्शन में " टैट्टू मेकिंग कंपटीशन" का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक , बड़े ही सुन्दर टैट्टू बनाकर अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया।
Learning by Doing
Balloons are fun! They can be used for art, craft, games, etc. Balloon activities are not only a favourite among kids but even adults love playing it. Playing with balloons builds gross motor skills, eye-hand coordination, concentration, and much more, so balloon playing activity was organized for the students of the Pre Primary Section. Students played some funny games with balloons like Surprise Pop, Protect your Balloon, Keep it Moving, Pass the Balloon, etc.
Cloud Making Activity Students of Pre Primary with great zeal and excitement took part in the cloud-making activity. Students actively and with great enthusiasm completed this activity. They learned about the rainy season, different types of clouds, and their colours i.e. white clouds, black clouds, and sky blue clouds. They also came to know that black clouds are called rainy clouds.
Drawing & Colouring Activity
Students of Class II used different pulses to fill colours in their drawings. They learned about different pulses, colours and above all they learned the skill of collaboration as it was a group activity.
Silence Is Truth, Bliss, Peace, and looking into oneself
Silence speaks louder than words, sometimes being silent and observing oneself can help you focus on yourself and know yourself better. Silence is an important aspect of life. It gives you immense joy in your own life. Being silent just disconnects you from the competitive world which leads to more concentration and increases mental power.
It is not always necessary to speak. Sometimes keeping quiet can give you lots of solutions. It offers opportunities for self-reflection reduces and daydreaming which activates certain parts of the brain. It gives us time to turn down the inner noise and increase awareness of what matters the most. It also benefits our health, helps to increase concentration, and reduces stress.
When we are around us we get a happy and blissful environment to create good vibes and enjoy the company of ourselves. Keeping quiet for just ten minutes can also give you pleasure and peace. When we stabilize we can have certain thoughts which we can resolve without the help of others.
To conclude the article we all should know the importance of being quiet. We all should understand that this virtue will help us both mentally and physically. It will help to overcome our problems, reduce stress and remain happy.
Jatin Tripash/ XII
स्वतंत्रता के आंदोलन में महिलाओं की भूमिका
हमारी आजादी को 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। ऐसे में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना उनको श्रद्धांजलि देना आवश्यक है।स्वतंत्रता के आंदोलन में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका रही थी। असंख्य महिलाओं के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण ही आजादी का यह महान आंदोलन सक्रिय बन पड़ा। स्त्रियों ने यह बताया कि शांति प्रिय आंदोलन में भी हिस्सा ले सकती है और जरूरत पड़ने क्रांतिकारी आंदोलन में भी हिस्सा ले सकती है। गांधीजी के सत्य,अहिंसा और सत्याग्रह की नीति महिलाओं के स्वभाव के अनुकुल थी। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास स्वतंत्रता के लिए भारतीय के संघर्ष की अद्भुत गाथा है। इस संघर्ष में कई सारे क्रांतिकारियों ने हिस्सा लिया जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे। दोनों ने आजादी के लिए अपना महत्वपूर्ण सहयोग दिया था। महिलाएँ हर मोड़ पर पुरुष के साथ डट कर खड़ी रही थी। कई बार आंदोलन में महिलाओं ने नायिका का किरदार भी निभाया था जहां वह अपना अद्भुत वीरता, पराक्रम और दिलेरी का परिचय दिया था। जैसा हम जानते है कि महान झांसी की रानी जिसने स्वयं युद्ध में नायिका का किरदार निभाया और अंग्रेजों का डट कर सामना किया। इस साहस और बहादुरी को देखकर स्वयं अंग्रेज शासक भी उनसे प्रसन्न थे। ना केवल लक्ष्मी बाई परंतु उनके जैसी और कई सारी महिलाएँ थी -अवध की बेगम हजरत महल, कस्तूरबा गांधी आदि। जिन्होंने आजादी के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भी कई सारी महिलाएँ उपस्थित थी। जहां उन्होंने तन- मन में आंदोलन में सहयोग दिया। महिलाओं ने ना केवल घर का काम संभाला परंतु स्वतंत्रता के लिए अपना योगदान भी दिया और हर आंदोलन में उपस्थित रही। कई महिलाओं ने अपना साहस और बहादुरी दिखाई और स्वयं का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर दिया।
कसक चौधरी / XII
Courage
Courage is the quality of being ready and willing to face negative situations involving danger or pain. Being a person with courage is not easy and it is a choice. This is so much more than what we think it" is. Courage helps us to know our fear better and makes us think, about how to overcome that. And if we are willing to overcome our fears or we can overcome our fears, I think we can call ourselves courageous. We also motivate people by.. saying 'Go ahead, you have the courage to do this, by listening to the person whom you are saying this, will feel that he/she is capable and can tackle that task. In our life change of situations is not a very different thing. We all know that situations change, they will either be good or bad but if we really have the courage to face them, they will always be the good ones.
Tamanna Solanki / VIII
बुरा जो देखन मैं चला
जब कभी मैं किसी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति की बुराई करते हुए देखती हूँ,तब मेरे मन में यह विचार आता है कि कितना सरल है, दूसरों में कमियाँ निकालना या बुराइयाँ ढूंढना। हमें केवल बुराइयाँ ही क्यों दिखाई देती है ? अच्छाइयाँ क्यों नहीं दिखाई देती? क्या बुराई करने वाला व्यक्ति कभी अपने भीतर की कमजोरियों या बुराइयों को देखने या ढूँढने का प्रयास करता है? यदि प्रत्येक व्यक्ति दूसरों की कमियों पर ध्यान न देकर आत्म चिंतन करें ,तो वह पाएगा कि वह स्वयं भी बुराइयों का पुतला है। परंतु ऐसा केवल ज्ञानी व्यक्ति ही कर सकते हैं। साधारण व्यक्ति को अपने भीतर केवल गुण ही दिखाई देते हैं। वह अपनी प्रशंसा व दूसरों की बुराई करते नहीं थकता ।यदि हम अपनी कमियों को पहचान कर उन्हें दूर करने का प्रयास करें, तो हम देखेंगे कि संपूर्ण समाज स्वयं सुधर जाएगा । दूसरों में बुराइयाँ या अवगुण ढूँढ़ना सबसे बड़ी बुराई है। इसलिए संत कबीर ने कहा है-
" बुरा जो देखन मैं चला बुरा न मिलिया कोय।
जो दिल खोजा आपना मुझ-सा बुरा न कोय।। "
अलवीरा/ Vll
अगर मै पतंग होती
यदि मैं पतंग होती तो आसमान की असीम ऊँचाइयो को छूने की तमन्ना पूरी हो जाती।मैं आसमान में पक्षियों और बादलों के बीच उड़ती फिरती। ऊँची-ऊँची गगन चुंबी इमारतों को छू पाती और असीम आनंद को प्राप्त करती। आसमान से नीचे देखने पर मुझे सब कुछ छोटे-छोटे खिलौनों के समान लगते और चलते - फिरते लोग ऐसे लगते माना गुड्डे-गुडियाँ चल रहे हो।आसमान में अपनी साथी पंतगो के साथ उड़ती हुई कभी उनसे पेचें लड़ाकर उन्हें कर फेंक देती।मुझे देखकर बच्चे तालियाँ बजा-बजा कर खुश होते और उन्हें खुश देखकर मुझे भी अच्छा लगता। मेरा खूबसूरत रंग देखकर बच्चे मुझ पर मोहित हो जाते। ।अंतः मैं गर्व से कह सकती हूँ कि मैं पतंग होती तो बच्चों में खुशियाँ बाँटती हुई स्वयं भी खुश होती।
गौंरागिनी राठौर / IV
Volume No. 521 Published by The Editorial Board: Mr. Jitendra Suthar, Ms. Jyoti Sain, Ms. Harshita Suthar, Mr. Chatra Ram Choudhary, Jatin Tripash, Pushpendra Singh Ranawat, Yashwant Singh Sonigra, Mohammad Anas.